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✧ ईश्वर — विज्ञान और आत्मा की यात्रा ✧


✧ परिचय ✧

मनुष्य का सबसे पुराना प्रश्न है — “ईश्वर कौन है?”
यह प्रश्न जितना सरल दिखता है, उतना ही गहन और अनुत्तरित है।
शब्दों में दिए गए उत्तर उधार लगते हैं, चोरी जैसे लगते हैं; पर अनुभव की गहराई में उतरते ही वही प्रश्न जीवित हो उठता है।


विज्ञान ने बाहर का सूक्ष्म खोजा — परमाणु, ऊर्जा, नियम।
आध्यात्म ने भीतर का सूक्ष्म खोजा — आत्मा, चेतना, मौन।
दोनों दिशाएँ अलग लगती हैं, पर जड़ एक ही है।
जहाँ विज्ञान का अंत है, वहीं अध्यात्म का आरंभ है।

यह ग्रंथ चार भागों में उसी यात्रा को खोलता है:

इस यात्रा का लक्ष्य परिभाषा नहीं, केवल अनुभव है।
अंततः बचता है मौन — और मौन ही ईश्वर की सबसे सच्ची पहचान है।

✍🏻 — 🙏🌸 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲