मेरे दिव्य आत्मन प्रेम प्रणाम 🙏🙏
.मैं अज्ञात अज्ञानी (Agyat Agyani), एक साधक, लेखक और सत्य की खोज करने वाला यात्री हूँ।
मेरा लेखन किसी संस्था, परंपरा या विचारधारा से बंधा नहीं है।
यह केवल मेरे अपने अनुभव, ध्यान और मौन से उपजा हुआ है।
बचपन से ही मनुष्य जीवन, धर्म और आत्मा से जुड़े प्रश्न मुझे भीतर से झकझोरते रहे।
“मैं कौन हूँ? जीवन का उद्देश्य क्या है? सुख-दुख का रहस्य क्या है?”
इन्हीं प्रश्नों ने मुझे साधना, मौन और आत्म-अन्वेषण की ओर ले जाया।
मेरे लेखन में आपको ओशो, उपनिषद, कबीर, मीरा और सूफी संतों की झलक मिल सकती है,
लेकिन मेरा मार्ग पूरी तरह अनुभव-आधारित और स्वतंत्र है।
मैं किसी का गुरु नहीं हूँ और न ही प्रवचनकर्ता।
मैं केवल एक लेखक हूँ — जो अपने भीतर की पीड़ा, साधना और अनुभवों को शब्द देता है।
मेरा उद्देश्य है कि मेरी लिखी बातें उन लोगों तक पहुँचे,
जो जीवन में सच की तलाश में हैं,
जो धर्म के नाम पर पाखंड से ऊब चुके हैं,
और जो अपने भीतर की चुप्पी (Silence) में उतरना चाहते हैं।
“मैं गुरु नहीं, केवल एक यात्री हूँ — यदि मेरे शब्दों से तुम्हें मौन की राह मिले, वही मेरी साधना है।”
Agyat Agyani