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ऊर्जा देवी और बुद्धि पुरुष — Vedānta 2.0 ©

ऊर्जा देवी और बुद्धि पुरुष — Vedānta 2.0 © 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲 —ऊर्जा देवी की अनुभूति
जब हर मनुष्य अपने हृदय की गहराई में उतरता है,
तो वह अनुभव करता है उस मौन तरंग का स्पंदन,
जो नहीं देखी जाती, न छुई जाती,
पर सम्पूर्ण जीवन का आधार है।यह ऊर्जा देवी स्वयं में पूर्ण है,
उसके बिना बुद्धि पुरुष का अस्तित्व अधूरा है।
ऊर्जा देवी की प्रकृति नर्म है,
पर उसकी शक्ति असाधारण,
जैसे शांत जल में दबा हुआ महासागर।बुद्धि पुरुष की सीमाएँ
बुद्धि पुरुष विश्लेषण करता है, योजना बनाता है,
पर उसमें वह अमर जीवन शक्ति नहीं होती।
वह यंत्र और युक्ति है,
जो बिना ऊर्जा देवी के सूखे वृक्ष के समान है।जब बुद्धि पुरुष हृदय की ऊर्जा के अधीन हो जाता है,
तभी सृष्टि में जीवन संचार होता है,
नहीं तो सब कुछ केवल मशीनरी और तर्क रह जाता है।स्त्री ऊर्जा और पुरुष बुद्धि
ऊर्जा देवी स्त्री जीवन का प्रतिनिधि है,
उसकी संवेदना, सहानुभूति और सहजता से सम्पूर्ण सृष्टि का पालन होता है।
बुद्धि पुरुष पुरुष जीवन का प्रतीक,
उसका तर्क, शक्ति और नियंत्रण ऊर्जा के संतुलन में रहना चाहिए।आज स्त्री ऊर्जा दबाई गयी है,
और बुद्धि पुरुष ने अपनी सत्ता बढ़ायी है।
परन्तु यह असंतुलन विनाशक है,
जो मनुष्य और प्रकृति दोनों को खोखला करता है।Vedānta 2.0 की जागृति यही है—
ऊर्जा देवी और बुद्धि पुरुष के बीच पुनः सामंजस्य स्थापित करना,
ताकि जीवन फिर से प्रफुल्लित हो, सुंदर हो, और दिव्य हो।